कौन है संदेशखाली का शाहजहां शेख, जो पूरे देश में विलेन के तौर पर हुआ चर्चित

हाइलाइट्स

शाहजहां शेख के ‘भाई’ बनने की कहानी भी एकदम फिल्मी है.
राशन वितरण घोटाले में 10 हजार करोड़ रुपये गबन करने का आरोप.
शेख टीएमसी की सरकार आने से पहले तक सीपीएम के साथ था.

Shahjahan Sheikh: लगभग तीन दशक पहले की बालीवुड फिल्मों को याद करें तो उसका विलेन कथित तौर पर संदेशखाली के शाहजहां शेख की तरह ही होता था. उन फिल्मों के विलेन भी ऐसे ही काम करते थे जैसे आरोप शाहजहां शेख पर हैं. शाहजहां शेख के ‘भाई’ बनने की कहानी भी एकदम फिल्मी है. कभी एक मजदूर रहे शाहजहां शेख ने इलाके में अपना वर्चस्व स्थापित करने में राजनीतिक रसूख की मदद ली. वह शुरुआत में मछली पालन करने वाला एक मामूली आदमी था. उसने कुछ समय तक आजीविका चलाने के लिए ईंट भट्‌टे पर भी काम किया. मालूम हो कि स्थानीय लोगों के बीच शाहजहां शेख को ‘बेताज बादशाह’ के नाम से जाना जाता है.

शाहजहां शेख बांग्लादेश से बंगाल आया था और यहां आकर उसने अपना खौफ का सम्राज्य खड़ा कर दिया. उत्तर 24 परगना का संदेशखाली बांग्लादेश की सीमा से जुड़ा है. इसी वजह से वो यहां आकर रहने लगा. शुरू में शाहजहां ने खेतों और ईंट-भट्ठों पर मजदूर की तरह काम किया. 42 साल का शाहजहां शेख राज्य में टीएमसी की सरकार आने से पहले तक सीपीएम के साथ था. वह ना केवल राशन घोटाले का आरोपी है बल्कि उस पर संदेशखाली में महिलाओं का यौन उत्पीड़न करने तक के आरोप हैं. शाहजहां शेख जमीन घोटालों के कई मामलों में भी आरोपी है. 

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राजनीति के रास्ते से बना डॉन
अपने परिवार में चार भाई-बहनों में सबसे बड़े शाहजहां शेख ने मजदूरी करते हुए एक यूनियन नेता के तौर पर राजनीति में कदम रखा. 2004 में वह सीपीआई (एम) से जुड़ा. इसमें उनकी मदद उसके मामा मोस्लेम शेख ने की. जो उस वक्त पर सीपीएम के नेता और पंचायत प्रमुख थे. वह छह सालों तक अपने मामा के शार्गिदी में आगे बढ़ा. संदेशखाली के सभी मछली पालन केंद्रों पर मामा-भांजे का नियंत्रण था. 2010 में जब राज्य की राजनीति की हवा बदली ताे शाहजहां शेख ने इसे भांप लिया और फिर वह टीएमसी नेताओं से नजदीकी बढ़ाकर पार्टी में आ गया. शाहजहां शेख ने शुरुआत में टीएमसी राष्ट्रीय महासचिव मुकुल रॉय और उत्तर 24 परगना टीएमसी जिला अध्यक्ष ज्योतिप्रियो मलिक के नेतृत्व में काम किया. जब ज्योतिप्रियो मलिक को मंत्री बनाया गया, तो शाहजहां शेख की ताकत और बढ़ गई.

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अदालत ने संदेशखाली से तृणमूल कांग्रेस नेता शाहजहां शेख को बृहस्पतिवार को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया.

10 हजार करोड़ गबन का आरोप
शाहजहां शेख ने देखते ही देखते अपार संपत्ति जुटा ली और संदेशखाली में खौफ का दूसरा नाम बन गया. दरअसल, शाहजहां शेख पर पश्चिम बंगाल के राशन वितरण घोटाले में 10 हजार करोड़ रुपये का गबन करने का आरोप है. ईडी ने इसी मामले में सबसे पहले बंगाल के पूर्व मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को गिरफ्तार किया था. इसके बाद जब ईडी की टीम शाहजहां शेख को पकड़ने संदेशखाली पहुंची तो उसी पर ही हमला हो गया. शाहजहां के समर्थकों ने ऐसा अटैक किया कि ईडी के कई अधिकारी बुरी तरह घायल हो गए. शाहजहां शेख को ज्योतिप्रिय मल्लिक का काफी खास माना जाता है. उसे अपने इलाके में ‘भाई’ भी कहा जाता है. राशन घोटाले में मल्लिक के पकड़े जाने के बाद शाहजहां ईडी के निशाने पर आ गया था. 

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 17 गाड़ियों के साथ है करोड़ों की संपत्ति
राज्य चुनाव आयोग में दायर हलफनामे के अनुसार, शाहजहां शेख  के पास करोड़ों की संपत्ति है. इसमें 17 वाहन, 2.5 करोड़ रुपये के सोने के गहने और 14 एकड़ से अधिक जमीन शामिल है. इन सबकी कुल कीमत चार करोड़ रुपये है. इसके अलावा, उसी हलफनामे में बताया गया है कि उसके बैंक खाते में 1.92 करोड़ रुपये जमा हैं.

गिरफ्तारी को लेकर चल रहा प्रदर्शन
गौरतलब है कि उत्तरी 24 परगना जिले में शाहजहां शेख और उनके समर्थकों के खिलाफ जमीन हड़पने और स्थानीय महिलाओं के यौन शोषण के आरोपों को लेकर विरोध प्रदर्शन चल रहा है. पिछले महीने कथित राशन घोटाले के सिलसिले में उसके घर पर छापा मारने गई प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर भीड़ द्वारा हमला किए जाने के बाद से शाहजहां शेख फरार था.

Tags: Enforcement directorate, Mamta Banarjee, TMC, West bengal

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