नई दिल्ली: दिल्ली में अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत उत्तराखंड के सिलक्यारा सुरंग में 41 मजदूरों की जान बचाने में मदद करने वाले रैट माइनर के घर बुलडोजर एक्शन पर बड़ी जानकारी सामने आई है. सूत्रों की मानें तो बुलडोजर एक्शन से पहले ही सिलक्यारा सुरंग हादसे में मसीहा बने रैट माइनर वकील हसन को अस्थायी आवास में स्थांतरित करने का ऑफर दिया था, मगर वकील हसन ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया. बता दें कि डीडीए यानी दिल्ली विकास प्राधिकरण ने बुधवार को खजूरी खास इलाके में अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया, जिसमें वकील हसन का भी घर शामिला था, जहां बुलडोजर गरजा.
दरअसल, बुधवार को डीडीए के इस बुलडोजर एक्शन में बेघर होने वाले लोगों में वकील हसन भी शामिल थे, जिन्हें पिछले साल नवंबर में अपनी टीम के साथ उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग में फंसे हुए 41 श्रमिकों को बचाने के लिए सम्मानित किया गया था. वकील हसन पेशे से ‘रैट होल माइनर’ (चूहे की तरह सुरंग खोदने वाले) हैं. वकील हसन ने अपना घर ढहाए जाने के बाद कहा, ‘हमने सिल्कयारा सुरंग में 41 लोगों को बचाया और बदले में हमें यह मिला. पहले मैंने अधिकारियों और सरकार से अनुरोध किया था कि यह घर हमें दे दिया जाए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. आज बिना किसी पूर्व सूचना के डीडीए की टीम ने आकर इसे ध्वस्त कर दिया.’
जिस रैट माइनर ने सिलक्यारा सुरंग में बचाई 41 लोगों की जान, उसी के घर पर चल गया DDA का बुलडोजर
वहीं, इस बुलडोजर एक्शन पर डीडीए ने कहा कि अतिक्रमण विरोधी अभियान उस जमीन पर चलाया गया जो ‘योजनाबद्ध विकास भूमि’ का हिस्सा थी. पुलिस ने कहा कि अभियान के दौरान अवैध रूप से निर्मित कई संरचनाओं को ध्वस्त कर दिया गया. डीडीए ने इस अभियान को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, ‘28 फरवरी को डीडीए द्वारा खजूरी खास गांव में अपनी अधिग्रहीत जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए विध्वंस अभियान चलाया गया था. यह जमीन नियोजित विकास भूमि का हिस्सा थी.’
डीडीए अधिकारियों के अनुसार, अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान ध्वस्त किए गए ढांचे में रहने वाले लोगों को पूर्व सूचना दिए जाने के बाद यह अभियान चलाया गया. इससे पहले दिन में हसन ने क्षेत्र का एक वीडियो साझा किया था, जिसमें दावा किया गया था कि जिस इमारत में वह और उनका परिवार रह रहा था, उसे अभियान में ध्वस्त कर दिया गया था.
.
Tags: DDA, Delhi news
FIRST PUBLISHED : February 29, 2024, 13:39 IST